जो जन्म लेते ही सारी बेड़िया तोड़ दिए थे।
कारागार में माता पिता के लिए सारे दरवाजे खोल दिए थे ।। १
जिसकी बाल क्रीड़ाए पढ़ कर तन मन आनंदित हो जाता है ।
बैठे-बैठे ध्यान हमारा वृन्दावन की गलियो में चला जाता है ।। २
जिसने समस्त मानव को जीवन का उद्देश्य दिया।
गीता का ज्ञान देकर , मानव कल्याण का उपदेश दिया ।।३
जिसने सभी को प्रेम करना सिखलाया था ।
और सही मायने में प्रेम का मतलब समझाया था ।।४
जिसने जाति-पाति, ऊँच-नीच से दूर, दोस्ती का एक रिश्ता बनाया था ।
अत्यंत निर्धन सुदामा को दो लोको का स्वामी बनाकर,इसको खूब निभाया था ।।५
महाभारत का ये उद्देश्य निकल कर आता है ।
अधर्मी की हार तथा धर्मी अकेला जीत जाता है ।।६
दो तरह के लोगो मे कुछ श्री कृष्ण के अंश है ।
मानव जाति के विध्वंसक ही कलयुग के कंस है ।।७
श्री कृष्ण मात्र एक शब्द नही एक परिभाषा है।
संसार से हारे दीन दुखियो को जीवन जीने की आशा है ।।८
Written By-Pavan Kumar Yadav
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