गुरुवार, जून 22, 2017

योग विज्ञान

yog vigyaan

योग प्राचीन काल से ही भारतीय जीवन शैली का हिस्सा रहा है। योग शब्द संस्कृत भाषा के ‘युज’ शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ है ‘जोड़ना’ अथवा ‘मिलाना’। यहां जोड़ने अथवा मिलाने से तात्पर्य है कि स्थूल शरीर का सूक्ष्म शरीर से सामंजस्य बैठाना। इसमें इन्हीं विधियों का वर्णन है। विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता के कुछ अवशेष प्राप्त हुए थे, जिसमें ध्यान की मुद्रा में बैठे योगी का चित्र था। जिसके आधार पर इतिहासकारों ने ये स्पष्ट किया कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग भी इससे परिचित थे। इसका विस्तृत वर्णन पतंजलि के ‘योगसूत्र’ से मिलता है।
योगसूत्र’ योग पर लिखा जाने वाला विश्व का पहला ग्रंथ है। यह छ: दर्शनों में से एक योगदर्शन का ग्रंथ है। इसमें अपने चंचल मन को स्थिर करने की विधियां बताई गई है। 
पतंजलि के अनुसार चित्तवृत्ति निरोध: अर्थात मन को अपने वश में करके या एकाग्र करके किसी एक जगह लगाना ही योग है।
वर्तमान समय में यह देश-विदेश में काफी उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। इसमें UNO द्वारा किए गए कार्य सराहनीय है, जिसके माध्यम से यह भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता के रूप में विश्व पटल पर अंकित हो गया है।
11 दिसंबर 2014 का दिन योग इतिहास का सबसे बड़ा दिन बन गया इसी दिन UNO ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया। भारतीय प्रधानमंत्री की अगुवाई में पहला योग दिवस 21 जून 2015 को दिल्ली में मनाया गया। जिसमें 35985 लोगों ने योगाभ्यास किया। इस दिन भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड भी बनाए और अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया। पहला रिकॉर्ड यह की एक स्थान पर सबसे ज्यादा लोगों ने योगाभ्यास किया तथा दूसरा यह की सर्वाधिक देशो के साथ किया।
21वीं सदी विश्व इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है।  इस सदी में विकास और विनाश अपने चरम सीमा पर है। विनाश से आशय यह है कि जब विकास अपने स्वार्थ के लिए करते हैं, तो वह विनाश का कारण बन जाता है। इसका अनुभव आप कर सकते हैं। मुझे प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है।
योग एक सभ्य समाज व स्वस्थ समाज के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में अधिकतर लोग तनावग्रस्त हैं, चाहे वह गरीब हो, अमीर हो, बच्चे हो या फिर बूढ़े हो। सब पर इसका प्रभाव समान रूप से है। ऐसे में यह एक साधन बन जाता है अपने आप को जानने समझने का। यह हमारी जिम्मेदारी भी है कि आने वाली पीढ़ियों को शांतिप्रिय समाज देना। और यह सब संभव है तो सिर्फ योग एवं ध्यान के माध्यम से। कुछ लोग कहते हैं 5 मिनट चुपचाप बैठने से क्या होगा? जरूर होगा! समाज में सुधार निश्चित रूप से होगा ऐसा मेरा विश्वास है। परंतु पहले आपको प्रण लेना होगा कि मैं रोज योग व ध्यान करूंगा। जब मन शांत रहेगा तो शांतिमय समाज बनाने में ज्यादा देर नहीं लगेगी।
योग एक प्रकार का विज्ञान है। विज्ञान के रुप में इसे परिभाषित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोग इसे धर्म या संप्रदाय से जोड़कर देखते हैं, जो कि उचित नहीं है। वसुधा का कोई भी मानव यदि योग करे तो वह सबको समान रूप से लाभान्वित करेगा।
अंग्रेजी में एक कहावत है- 
‘Prevention is better than cure’ ‘रोकथाम इलाज से बेहतर है।’ योग ‘Science of Prevention’ अथवा ‘रोकथाम का विज्ञान’ है।
इससे बेहतर और क्या हो सकता है यदि हम रोग उत्पन्न होने से पहले ही उसका उपचार शुरू कर दें।
योग दिवस की घोषणा करने के बाद से भारत ही नहीं पूरे विश्व में योग शिक्षकों और योग इंस्टिट्यूट की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में योग शिक्षक एक बेहतरीन विकल्प के रुप में सामने है! भारत के कई यूनिवर्सिटीज़ योग से ग्रेजुएशन भी कराती हैं। इस क्षेत्र में आप अपने भविष्य को एक नया आयाम दे सकते हैं।

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