गुरुवार, सितंबर 01, 2022

गौरक्षक




नमस्कार मित्रों 🙏🏻

कैसे हैं आप सभी लोग? आशा करते हैं आप स्वस्थ और कुशल होंगे! आज मैंने अपनी नई रचना 'गौरक्षक' प्रकाशित की है। कहानी 'गौरक्षक' लंबी होने के कारण इसे तीन भागों में प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया है। यह मेरी अबतक की सर्वश्रेष्ठ रचना है। इसे एक प्रतियोगिता में 'द्वितीय पुरस्कार' प्राप्त हो चुका है। इसके साथ एक खास बात और जुड़ी हुई है कि यह मेरी दूसरी कहानी है। जिसके कारण मेरे हृदय के अत्यंत करीब है। मोबाइल में यह कई दिनों से पड़ी थी। अचानक मेरा ध्यान इस पर आया तो मैंने सोचा कि अपने प्रिय प्रतिलिपि पाठकों के लिए इसे प्रकाशित करना चाहिए। बस फिर क्या गौरक्षक तीन भागों में आप लोगों के समक्ष उपस्थित है। इससे यदि किसी को लाभ हो, चाहे वह भाषा की दृष्टि से हो अथवा भावों और विचारों के दृष्टि से तो मैं अपने को सफल मानूंगा। यदि नहीं भी हो रहा है तो आप कहानी का आनंद उठाएं।

गौरक्षक मेरे आत्मसंघर्ष के कारण मुझे प्रिय है, परंतु सभी पर इसका ऐसा प्रभाव पड़ना संभव नहीं है। ऐसा होना उचित भी नहीं होगा। इसलिए जिन्हें पसंद आ रही है वो उत्साह वर्धन करें। परंतु जिन्हें कोई कमी कोई खोट प्रतीत हो रहा हो उनसे एक विनम्र निवेदन है कि अपने विचारों को समीक्षा के तौर पर अवश्य प्रस्तुत करें। जिससे हम अपनी आने वाली कहानी में परिवर्तन कर सकें।
कहानी 'गौरक्षक' को आप स्वयं पढ़ें और अपने हित-मित्रों एवं सगे-संबंधियों के साथ भी शेयर करें।
आप सभी पाठकों का बहुत-बहुत आभार!
🙏🏻

~पवन कुमार यादव 


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