रविवार, जून 01, 2025

कमरे में मैना

आज जैसे ही कमरे की सफाई हेतु रूम को खोला ही था कि इस नन्हे मेहमान का आगमन हो गया। ऐसा अक्सर ही हो जाता है। जब कभी कमरे का दरवाजा खुला रहता है। तो यह दरवाजे से अंदर आ जाती हैं। और खिड़की से बाहर निकल जाती हैं। इसी दिन के लिए कभी अल्ताफ राजा ने गया था कि
“चोरी की मोहब्बत में अक्सर यही होता है दरवाजे से जाते हैं खिड़की से निकलते हैं!” 
भोजपुरी में भी एक गीत इसी से संबंधित है, जिसके बोल हैं, 
दिलवा में घर तूं बनाइके, उड़ि जइबू ए मैना।
कृत्रिमिता में उलझा हुआ मनुष्य एक प्राकृतिक प्राणी है। जब कभी वह प्रकृति के समीप होता है। अथवा किसी बहाने से प्रकृति उसके पास आती है। तो उसका हृदय प्रफुल्लित हो जाता है। न जाने वह कौन सी मजबूरी अथवा कारण है जो सदा ही उसे प्रकृति से दूर करते आ रहे हैं। 
वीडियो देखिए और मैना की क्रियाकलाप का आनंद लीजिए।
© Pavan Kumar Yadav 


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