सोमवार, अप्रैल 17, 2017

मुक्तक 7




तोड़कर कसमें सारी वो फरार हो गए,
दिल के बनाए रिश्ते तार-तार हो गए।
मौला! कर दे इंसाफ मेरी भी जिंदगी का,
मोहब्बत करके इस कदर हम गुनहगार हो गए।।
Pavan Kumar Yadav

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