शुक्रवार, जुलाई 31, 2020

प्रेमचंद जयंती '31 जुलाई'

हिंदी साहित्य को अपने लेखनी के दम पर एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाले कथा-सम्राट एवं उपन्यास-सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र जी के जन्म दिवस पर बारंबार प्रणाम🙏
प्रेमचंद्र जी का लेखन कार्य एक ऐसे समय से शुरू हुआ, जब हिंदी साहित्य को किसी ऐसे ही श्रेष्ठ रचनाकार की आवश्यकता थी। जो हिंदी साहित्य की धारा को एक नई दिशा दे सके, उन्होंने कथा और उपन्यास की विधा को रोचक बनाते हुए एक शीर्ष स्तर पर पहुंचाने का काम किया। साथ ही मां हिंदी की समृद्धि में भी उनका बहुत बड़ा योगदान है। आज भी उनकी कथाएं और उपन्यास प्रासंगिक हैं।
हिंदी साहित्य में जब भी कोई लेखक कहानी या उपन्यास लिखने की चेष्टा करता है, तो सर्वप्रथम उसे प्रेमचंद्र को पढ़ना अनिवार्य हो जाता है। उनकी शैली से उनकी भाषा से और उनके रोचक दृष्टिकोण से परिचित होना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। यदि हमें इस पूरे भारत के बारे में जानना समझना है, तो हमें प्रेमचंद्र को पढ़ना चाहिए! भारत का डीएनए प्रेमचंद्र की कथाओं में समाहित है। 
🙏🏻
~पवन कुमार यादव

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