शुक्रवार, दिसंबर 18, 2020

बनारस

मैं जब भी कभी बनारस पहुंचता हूं तो यहां का वास्तु मेरे हृदय को प्रफुल्लित कर देता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो हर पल यहां पर एक नया उत्सव मनाया जा रहा हो। जिसमें  सभी लोग अपनी सामर्थ्यानुसार आहुति दे रहे हों। आखिर वह कौन सा आकर्षण है, जो बार-बार हमें अपनी ओर खींचता है। वह कौन सा रस है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का हृदय सराबोर हो जाता है, डूब जाता है।
इन अनुत्तरित प्रश्नों के जाल में उलझने से बेहतर है यहां के आनंद, उत्साह और इसकी अद्भुत व्यापकता का  स्वागत करें। यहां की विशिष्ट आध्यात्मिक शक्ति  का कुछ अंश ग्रहण कर अपने पूरे शरीर, मन  और हृदय को ऊर्जान्वित करते हुए कार्य सिद्धि की तरफ बढ़े चले।

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